लगी आज सावन…, मेरे नैना…जैसे सावन में भीगे 24 गीतों से बरसात का स्वागत

शनिवार की दोपहर तक बारिश की बूंदों से भीगे शहर में शाम को कलाकारों ने सांगीतिक अंदाज में सावन की बारिश का सत्कार किया। मालवा सुर संगम सांस्कृतिक संस्था की ओर से कालिदास अकादमी के संकुल हॉल में शनिवार शाम बेस्ट ऑफ बरसात सांग म्यूजिकल शो सावन को आने दो… रखा गया। जिसमें टिप-टिप बरसा पानी…, लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है…, मैरे नैना सावन भादो…, सावन को आने दो…, पतझड़ सावन बसंत बहार…, आया सावन झूम के…, बादल यूं गरजता है…, सावन का महीना पवन करे शोर… जैसे 24 गीतों की प्रस्तुतियां हुई।

कलाकार गौरीशंकर दुबे, धीरज कुमार, सुशील गंगवाल, तृप्ति मित्तल, शक्ति सिंह, डॉ. पिंकेश डफरिया, राजेश सोनी, जयदीप शर्मा, अशोक पंवार, आकाश वाडिया, राजेश उमरेड़कर आदि ने गीत सुनाए। कार्यक्रम संयोजन शीतल सिसौदिया ने आैर परिकल्पना व निर्देशन गौरीशंकर दुबे ने किया। कार्यक्रम में हमु काका बाबा ना पोरिया रे… गीत फेम निमाड़ी गायक आनंदीलाल भावेल भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। कार्यक्रम के आखिरी में उन्होंने हमु काका बाबा… क्यों मारी रे क्यों पिटी रे… जैसे लोकगीत सुनाए, जिन पर श्रोता झूम उठे। कार्यक्रम के दौरान अलग-अलग क्षेत्रों के डॉ. महेंद्र यादव, भगवा वाहिनी की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेखा मेहता, कवि सूरज नागर, पार्षद सपना सांखला, समाजसेवी प्रमिला यादव एवं कवियित्री जिया हिंदवाल को कला सम्मान से सम्मानित किया गया। संचालन एंकर सोना राठौर ने किया।

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